संस्कृत तथा विज्ञान तकनीक - एक पर्यालोचन
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तकनीक, संगणक, व्याकरण, संरचना, संयोजन, वैज्ञानिक, एल्गोरिथ्म, प्रोग्रामिंग, पदानुक्रमित, तार्किक, एनॉलाटिकल, अन्तःस्थ, अनुनासिक, सॉफ्टवेयर, प्रत्याहार, वर्णमाला, ध्वनिम, कृत्रिम अवबोध, प्रौद्योगिकी, डिजिटल, विमान, पर्यावरण, प्राकृतिक एवं अर्थविज्ञान।Abstract
संस्कृत भाषा में समाहित ज्ञान-राशि अनादि काल से मानव कल्याण के लिए समर्पित रही है। संस्कृत संस्कारों की भाषा,चरित्र की जननी तो है ही यह हमारे प्रगति की आधारभित्ति भी है। संस्कृत भाषा एवं साहित्य में ज्ञान-विज्ञान की शायद ही कोई शाखा-प्रशाखा हो जिस पर किसी न किसी रूप में चर्चा न की गई हो। संस्कृत वाङ्गमय विषय तथा क्षेत्र की दृष्टि से अत्यंत व्यापक रहा है। संस्कृत साहित्य में ज्ञान-विज्ञान के विविध आयाम उपन्यस्त हैं। शून्य से मिसाइल तक संस्कृत में विद्यमान है। आज सम्पूर्ण विश्व नवीन खोजों एवं अन्वेषणों के लिए संस्कृत की तरफ आकर्षित हुआ है। आज का युग विज्ञान और तकनीक का है। आज संस्कृत भाषा का उपयोग चिकित्सा, तकनीक तथा कम्प्यूटर आदि के क्षेत्रों में किया जा रहा है। ज्ञान-विज्ञान की दृष्टि से विश्व की विविध भाषाओं में श्रेष्ठ संस्कृत के संवर्धन तथा इस भाषा को कंप्यूटर और तकनीक के इस युग में जनमानस की भाषा बनाकर उसकी उपयोगिता साबित करने का प्रयास आवश्यक है।
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References
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हिंदी साहित्य की भूमिका- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
भारत-भारती- मैथिलीशरण गुप्त
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